क्यों की जरुरत है खिलने की
तो झड़ जाना भी मुनासिफ हो ..
नयी सुबह नयी किरणे
पुरानी टहनी पे कल न जाने
कोई नन्ही शुरुवात हो ..
आलम सुबह का हो या शाम का
सुहाना सफर इस जिंदगी का ..
शायद थोड़ा ठहरना जरूरी है
आँख बंद किये कुछ सोचना जरूरी है ..
नया तो दिन आना है जरूर ..
क्या आपने किस्मत कल आजमाई है हुज़ूर ???
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