Thursday 12 July 2018

एक बहाव

आगे बढ़ाते हुए, कुछ ना कुछ तो छूटेगा !
कुछ तुम भूलोगे, कुछ खुद तुमसे रुठेगा !!
जिंदगी पानी की बहाव से जियोगे !
तो बहते रहोगे ढलान की ओर !!

और मिल जाओगे सागर से,
तो फरमाना थोडासा गौर !!
बेहती जिंदगी आखिर, नाम और किसीके होजाएगी !
बहोत सिंची थी तकदिर, क्या आखिर किसीसे मिलकर खो जाएगी !!

जिंदगी का मतलब है अमर रहना !
हर तालाब से मिलकर, सागर का ख्वाब रखना !!
सागर कोई अंत नहीं, जरिया है अमरता का !
बूंद बूंद से बुना है, हर बूंद है नाम जिंदगी का !!

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